Thursday, May 1, 2014

अनुलोम-विलोम प्राणायाम

सुखासन,सिद्धासन,पद्मासन,वज्रासन में बैठें। शुरुवात और अन्त भी हमेशा बाये नथुने(नोस्टील) से ही करनी है, नाक का दाया नथुना बंद करें व बाये से लंबी सांस लें, फिर बाये को बंद करके, दाया वाले से लंबी सांस छोडें...अब दाया से लंबी सांस लें व बाये वाले से छोडें...याने यह दाया-दाया बाया-बाया यह क्रम रखना, यह प्रक्रिया १०-१५ मिनट तक दुहराएं| सास लेते समय अपना ध्यान दोनो आँखो के बीच मे स्थित आज्ञा चक्र पर ध्यान एकत्रित करना चाहिए| और मन ही मन मे सांस लेते समय ओउम-ओउम का जाप करते रहना चाहिए|हमारे शरीर की ७२, ७२, १०, २१० सुक्ष्मादी सुक्ष्म नाडी शुद्ध हो जाती है| बायी नाडी को चन्द्र( इडा, गन्गा) नाडी, और बायी नाडी को सुर्य ( पीन्गला, यमुना ) नाडी केहते है| चन्द्र नाडी से थण्डी हवा अन्दर जती है, और सुर्य नाडी से गरम नाडी हवा अन्दर जती है| थण्डी और गरम हवा के उपयोग से हमारे शरीर का तापमान संतुलित रेहता है| इससे हमारी रोग-प्रतिकारक शक्ती बढ जाती है|

सुखासन, सिद्धासन, पद्मासन, वज्रासन में बैठें। शुरुवात और अन्त भी हमेशा बाये नथुने(नोस्टील) से ही करनी है, नाक का दाया नथुना बंद करें व बाये से लंबी सांस लें, फिर बाये को बंद करके, दाया वाले से लंबी सांस छोडें...अब दाया से लंबी सांस लें व बाये वाले से छोडें...याने यह दाया-दाया बाया-बाया यह क्रम रखना, यह प्रक्रिया १०-१५ मिनट तक दुहराएं| सास लेते समय अपना ध्यान दोनो आँखो के बीच मे स्थित आज्ञा चक्र पर ध्यान एकत्रित करना चाहिए| और मन ही मन मे सांस लेते समय ओउम-ओउम का जाप करते रहना चाहिए|हमारे शरीर की ७२,७२,१०,२१० सुक्ष्मादी सुक्ष्म नाडी शुद्ध हो जाती है| बायी नाडी को चन्द्र( इडा, गन्गा ) नाडी,और दायी नाडी को सुर्य (पीन्गला, यमुना) नाडी केहते है| चन्द्र नाडी से थण्डी हवा अन्दर जती है, और सुर्य नाडी से गरम नाडी हवा अन्दर जती है|थण्डी और गरम हवा के उपयोग से हमारे शरीर का तापमान संतुलित रेहता है| इससे हमारी रोग-प्रतिकारक शक्ती बढ जाती है|

=== लाभ===
  1. हमारे शरीर की ७२,७२,१०,२१० सुक्ष्मादी सुक्ष्म नाडी शुद्ध हो जाती है|
  2. हार्ट की ब्लाँकेज खुल जाते है|
  3. हाय,लो दोन्हो रक्त चाप ठिक हो जायेंगे|
  4. आर्थराटीस,रोमेटोर आर्थराटीस,कार्टीलेज घीसना ऐसी बीमारीओंको ठीक हो जाती है|
  5. टेढे लीगामेंटस सीधे हो जायेंगे|
  6. व्हेरीकोज व्हेनस ठीक हो जाती है|
  7. कोलेस्टाँल,टाँक्सीनस,आँस्कीडण्टस इसके जैसे विजतीय पदार्थ शरीर के बहार नीकल जाते है|
  8. सायकीक पेंशनट्स को फायदा होता है|
  9. कीडनी नँचरली स्वछ होती है, डायलेसीस करने की जरुरत नही पडती|
  10. सबसे बडा खतरनाक कँन्सर तक ठीक हो जाता है|
  11. सभी प्रकारकी अँलार्जीयाँ मीट जाती है|
  12. मेमरी बढाने की लीये|
  13. सर्दी, खाँसी, नाक, गला ठीक हो जाता है|
  14. ब्रेन ट्युमर भी ठीक हो जाता है|
  15. सभी प्रकार के चर्म समस्या मीट जाती है|
  16. मस्तिषक के सम्बधित सभि व्याधिओको मीटा ने के लिये|
  17. पर्किनसन,प्यारालेसिस,लुलापन इत्यादी स्नयुओ के सम्बधित सभि व्याधिओको मीटा ने के लिये|
  18. सायनस की व्याधि मीट जाती है|
  19. डायबीटीस पुरी तरह मीट जाती है|
  20. टाँन्सीलस की व्याधि मीट जाती है|

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