Thursday, May 1, 2014

अग्नीसार क्रिया

अग्नीसार क्रिया

सुखासन,सिद्धासन, पद्मासन, वज्रासन में बैठें। यह क्रिया मे कपालभाती प्राणायाम जैसा नही है बार-बार सांस बाहर नही करनी है। सास को पुरी तरह बाहर नीकल के बाद बाहर ही रोक के पेट को आगे पीछे करना है |

लाभ
  1. कब्ज, अँसीडीटी,गँसस्टीक, जैसी पेट सभी समस्या मिट जाती है|
  2. हर्निया पुरी तरह मिट जाता है|
  3. धातु,और पेशाब के संबंधीत सभी समस्या मिट जाता है|
  4. मन की एकाग्रता बढेगी|
  5. व्यंधत्व से छुट्कार मिल जायेगा|
स्त्रोत : विकीपीडिया 

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