अग्नीसार क्रिया
सुखासन,सिद्धासन, पद्मासन, वज्रासन में बैठें। यह क्रिया मे कपालभाती प्राणायाम जैसा नही है बार-बार सांस बाहर नही करनी है। सास को पुरी तरह बाहर नीकल के बाद बाहर ही रोक के पेट को आगे पीछे करना है |
लाभ
- कब्ज, अँसीडीटी,गँसस्टीक, जैसी पेट सभी समस्या मिट जाती है|
- हर्निया पुरी तरह मिट जाता है|
- धातु,और पेशाब के संबंधीत सभी समस्या मिट जाता है|
- मन की एकाग्रता बढेगी|
- व्यंधत्व से छुट्कार मिल जायेगा|
स्त्रोत : विकीपीडिया
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